१-१ हेतुदुक-कुसलत्तिकं
१. कुसलपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१. हेतुं
२. नहेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च नहेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। नहेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च हेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। नहेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च हेतु कुसलो च नहेतु कुसलो च धम्मा उप्पज्जन्ति हेतुपच्चया। (३)
३. हेतुं कुसलञ्च नहेतुं कुसलञ्च धम्मं पटिच्च हेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया
आरम्मणपच्चयो
४. हेतुं
५. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, आहारे नव, इन्द्रिये नव, झाने नव, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (अनुलोमं)।
नअधिपतिपच्चयो
६. हेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च हेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। हेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च नहेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। हेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च हेतु कुसलो च नहेतु कुसलो च धम्मा उप्पज्जन्ति नअधिपतिपच्चया। (३)
७. नहेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च नहेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… तीणि।
हेतुं कुसलञ्च नहेतुं कुसलञ्च धम्मं पटिच्च हेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… तीणि।
नपुरेजातपच्चयादि
८. हेतुं
नकम्मपच्चयो
९. हेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च नहेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१)
नहेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च नहेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१)
हेतुं
नविपाकपच्चयादि
१०. हेतुं कुसलं धम्मं पटिच्च हेतु कुसलो धम्मो उप्पज्जति नविपाकपच्चया… नव…पे॰… नविप्पयुत्तपच्चया… नव।
११. नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोम पच्चनीयं)।
नअधिपतिपच्चया हेतुया नव, आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारम्पि पच्चयवारम्पि निस्सयवारम्पि संसट्ठवारम्पि सम्पयुत्तवारम्पि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१२. हेतु
आरम्मणपच्चयादि
१३. हेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन
नहेतु कुसलो धम्मो नहेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
१४. हेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु कुसलो धम्मो नहेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु कुसलो च नहेतु कुसलो च धम्मा हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि।
अनन्तरपच्चयादि
१५. हेतु
१६. हेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणूपनिस्सयो, अनन्तरूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो… तीणि।
नहेतु कुसलो धम्मो नहेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणूपनिस्सयो, अनन्तरूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो… तीणि।
हेतु कुसलो च नहेतु कुसलो च धम्मा हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणूपनिस्सयो
१७. नहेतु कुसलो धम्मो नहेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। नहेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। नहेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स च नहेतुस्स कुसलस्स च धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। (३)
आहारपच्चयादि
१८. नहेतु
१९. हेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स इन्द्रियपच्चयेन पच्चयो… नव।
२०. नहेतु कुसलो धम्मो नहेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स झानपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
२१. हेतु
२२. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
२३. हेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन
२४. नहेतु कुसलो धम्मो नहेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो। नहेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो। नहेतु कुसलो धम्मो हेतुस्स कुसलस्स च नहेतुस्स कुसलस्स च धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो। (३)
२५. हेतु
२६. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव, नअधिपतिया नव…पे॰… नोअविगते नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि…पे॰… नोनत्थिया तीणि, नोविगते तीणि (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. अकुसलपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२७. हेतुं
२८. नहेतुं अकुसलं धम्मं पटिच्च नहेतु अकुसलो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। नहेतुं अकुसलं धम्मं पटिच्च हेतु अकुसलो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। नहेतुं अकुसलं धम्मं पटिच्च हेतु अकुसलो च नहेतु अकुसलो च धम्मा उप्पज्जन्ति हेतुपच्चया। (३)
२९. हेतुं
३०. हेतुया
नहेतुपच्चयो
३१. नहेतुं
नअधिपतिपच्चयादि
३२. हेतुं अकुसलं धम्मं पटिच्च हेतु अकुसलो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… नव…पे॰…।
हेतुं
नहेतुं अकुसलं धम्मं पटिच्च नहेतु अकुसलो धम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१)
हेतुं अकुसलञ्च नहेतुं अकुसलञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु अकुसलो धम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१) (संखित्तं।)
३३. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारम्पि पच्चयवारम्पि निस्सयवारम्पि संसट्ठवारम्पि सम्पयुत्तवारम्पि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३४. हेतु अकुसलो धम्मो हेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो। हेतु अकुसलो
आरम्मणपच्चयादि
३५. हेतु अकुसलो धम्मो हेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु अकुसलो धम्मो नहेतुस्स
हेतु अकुसलो च नहेतु अकुसलो च धम्मा हेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
३६. हेतु अकुसलो धम्मो हेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि।
नहेतु अकुसलो धम्मो नहेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु अकुसलो च नहेतु अकुसलो च धम्मा हेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि…पे॰…।
३७. नहेतु अकुसलो धम्मो नहेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। नहेतु अकुसलो धम्मो हेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। नहेतु अकुसलो धम्मो हेतुस्स अकुसलस्स च नहेतुस्स अकुसलस्स च धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। (३)
आहारपच्चयादि
३८. नहेतु अकुसलो धम्मो नहेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स आहारपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
३९. नहेतु
४०. नहेतु
४१. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
४२. हेतु अकुसलो धम्मो हेतुस्स अकुसलस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४३. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे नव, नसमनन्तरे नव, नसहजाते नव, नअञ्ञमञ्ञे नव…पे॰… नोअविगते नव (पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. अब्याकतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४४. हेतुं
४५. नहेतुं
हेतुं अब्याकतञ्च नहेतुं अब्याकतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
४६. हेतुं अब्याकतं धम्मं पटिच्च हेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति आरम्मणपच्चया (संखित्तं)।
४७. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव, इन्द्रिये नव, झाने नव, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (अनुलोमं)।
नहेतु-नआरम्मणपच्चया
४८. नहेतुं
४९. हेतुं अब्याकतं धम्मं पटिच्च नहेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नहेतुं अब्याकतं धम्मं पटिच्च नहेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं अब्याकतञ्च नहेतुं अब्याकतञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नअधिपतिपच्चयादि
५०. हेतुं
५१. हेतुं अब्याकतं धम्मं पटिच्च नहेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१)
नहेतुं
हेतुं अब्याकतञ्च नहेतुं अब्याकतञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१)
५२. नहेतुं अब्याकतं धम्मं पटिच्च नहेतु अब्याकतो धम्मो उप्पज्जति नआहारपच्चया… नइन्द्रियपच्चया… नझानपच्चया (संखित्तं)।
५३. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५४. हेतु
आरम्मणपच्चयादि
५५. हेतु
५६. हेतु अब्याकतो धम्मो हेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु अब्याकतो धम्मो नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु
पुरेजातपच्चयादि
५७. नहेतु अब्याकतो धम्मो नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स पुरेजातपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
५८. हेतु अब्याकतो धम्मो नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो। (१)
नहेतु अब्याकतो धम्मो नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो। (१)
हेतु अब्याकतो च नहेतु अब्याकतो च धम्मा नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स
५९. नहेतु अब्याकतो धम्मो नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
६०. हेतु अब्याकतो धम्मो हेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स विपाकपच्चयेन पच्चयो… नव।
६१. नहेतु अब्याकतो धम्मो नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स आहारपच्चयेन पच्चयो… इन्द्रियपच्चयेन पच्चयो… झानपच्चयेन पच्चयो… मग्गपच्चयेन पच्चयो… सम्पयुत्तपच्चयेन पच्चयो।
विप्पयुत्तपच्चयो
६२. हेतु
नहेतु
हेतु अब्याकतो च नहेतु अब्याकतो च धम्मा नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स विप्पयुत्तपच्चयेन पच्चयो। (१) (संखित्तं।)
६३. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते पञ्च, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
६४. हेतु
६५. नहेतु अब्याकतो धम्मो नहेतुस्स अब्याकतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो… पुरेजातपच्चयेन पच्चयो… पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो… आहारपच्चयेन पच्चयो… इन्द्रियपच्चयेन पच्चयो।
६६. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव, नअधिपतिया नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(यथा
हेतुदुककुसलत्तिकं निट्ठितं।
१-२. हेतुदुक-वेदनात्तिकं
१. सुखायवेदनायसम्पयुत्तपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
६७. हेतुं
६८. नहेतुं सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। नहेतुं सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। नहेतुं सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च धम्मा उप्पज्जन्ति हेतुपच्चया। (३)
६९. हेतुं
७०. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (अनुलोमं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
७१. नहेतुं सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
७२. हेतुं सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। हेतुं सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
७३. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
७४. हेतु
आरम्मणपच्चयादि
७५. हेतु
नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च धम्मा हेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
७६. हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च धम्मा हेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि…पे॰…।
उपनिस्सयपच्चयादि
७७. हेतु
७८. नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो। नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स च नहेतुस्स
…विपाकपच्चयेन पच्चयो।
७९. नहेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आहारपच्चयेन पच्चयो… तीणि…पे॰…। हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स अविगतपच्चयेन पच्चयो।
८०. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
८१. हेतु सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स सुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
८२. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. दुक्खायवेदनायसम्पयुत्तपदं
१. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
८३. हेतुं दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च हेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। हेतुं दुक्खाय वेदनाय
नहेतुं दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तञ्च नहेतुं दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तञ्च धम्मं पटिच्च हेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
८४. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
८५. नहेतुं दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया (१)
८६. हेतुं दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च हेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
८७. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नझाने एकं, नमग्गे एकं (पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
८८. हेतु
आरम्मणपच्चयादि
८९. हेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो च नहेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो च धम्मा हेतुस्स दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि (संखित्तं)।
९०. नहेतु दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स दुक्खाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो… तीणि (संखित्तं)।
९१. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया तीणि, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके एकं, आहारे तीणि, इन्द्रिये तीणि, झाने तीणि, मग्गे तीणि, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (अनुलोमं)।
पच्चनीयुद्धारो
९२. हेतु
९३. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव, नअधिपतिया नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. अदुक्खमसुखायवेदनायसम्पयुत्तपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
९४. हेतुं अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तञ्च नहेतुं अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
९५. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
९६. नहेतुं
९७. हेतुं अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तं धम्मं पटिच्च हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
९८. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
९९. हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
१००. हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
१०१. हेतु
नहेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च नहेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो च धम्मा हेतुस्स अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (आरम्मणाधिपतियेव)…पे॰…।
उपनिस्सयपच्चयादि
१०२. हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणूपनिस्सयो, अनन्तरूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो… नव, आसेवनपच्चयेन पच्चयो… नव।
१०३. नहेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो नहेतुस्स अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
१०४. हेतु अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तो धम्मो हेतुस्स अदुक्खमसुखाय वेदनाय सम्पयुत्तस्स धम्मस्स विपाकपच्चयेन पच्चयो… नव…पे॰… अविगतपच्चयेन पच्चयो… नव।
१०५. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे
पच्चनीयुद्धारो
१०६. हेतु
१०७. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकवेदनात्तिकं निट्ठितं।
१-३. हेतुदुक-विपाकत्तिकं
१. विपाकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१०८. हेतुं विपाकं धम्मं पटिच्च हेतु विपाको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया। हेतुं
नहेतुं विपाकं धम्मं पटिच्च नहेतु विपाको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
१०९. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
११०. नहेतुं विपाकं धम्मं पटिच्च नहेतु विपाको धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
१११. हेतुं विपाकं धम्मं पटिच्च हेतु विपाको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
११२. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
११३. हेतु
११४. हेतु विपाको धम्मो हेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु विपाको धम्मो नहेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
११५. हेतु विपाको धम्मो हेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो… तीणि (सहजाताधिपतियेव लब्भति, आरम्मणाधिपति नत्थि)…पे॰…।
उपनिस्सयपच्चयादि
११६. हेतु विपाको धम्मो हेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – अनन्तरूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो। हेतु विपाको धम्मो नहेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – अनन्तरूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो। हेतु विपाको धम्मो हेतुस्स विपाकस्स च नहेतुस्स विपाकस्स च धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – अनन्तरूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो। (३)
नहेतु विपाको धम्मो नहेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – अनन्तरूपनिस्सयो
११७. नहेतु
हेतु विपाको धम्मो हेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स विपाकपच्चयेन पच्चयो… नव।
नहेतु विपाको धम्मो नहेतुस्स विपाकस्स धम्मस्स आहारपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
११८. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (अनुलोमं)।
पच्चनीयुद्धारो
११९. हेतु
१२०. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. विपाकधम्मपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१२१. हेतुं
नहेतुं विपाकधम्मधम्मं पटिच्च नहेतु विपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं विपाकधम्मधम्मञ्च नहेतुं विपाकधम्मधम्मञ्च पटिच्च हेतु विपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
१२२. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, आहारे नव, इन्द्रिये नव, झाने नव, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
१२३. नहेतुं विपाकधम्मधम्मं पटिच्च हेतु विपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
१२४. हेतुं
नपुरेजातपच्चयादि
१२५. हेतुं
१२६. हेतुं
नहेतुं विपाकधम्मधम्मं पटिच्च नहेतु विपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१)
हेतुं विपाकधम्मधम्मञ्च नहेतुं विपाकधम्मधम्मञ्च पटिच्च नहेतु विपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया। (१) (संखित्तं।)
१२७. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
१२८. हेतु विपाकधम्मधम्मो हेतुस्स विपाकधम्मधम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
१२९. हेतु
१३०. हेतु
१३१. हेतु विपाकधम्मधम्मो हेतुस्स विपाकधम्मधम्मस्स अनन्तरपच्चयेन
१३२. नहेतु विपाकधम्मधम्मो नहेतुस्स विपाकधम्मधम्मस्स कम्मपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु विपाकधम्मधम्मो नहेतुस्स विपाकधम्मधम्मस्स आहारपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
१३३. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (संखित्तं, अनुलोमं)।
पच्चनीयुद्धारो
१३४. हेतु विपाकधम्मधम्मो हेतुस्स विपाकधम्मधम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
१३५. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(यथा
३. नेवविपाकनविपाकधम्मपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१३६. हेतुं
नहेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मं पटिच्च नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मञ्च नहेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मञ्च पटिच्च हेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
१३७. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके एकं, आहारे नव, इन्द्रिये नव, झाने नव, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
नहेतुपच्चयादि
१३८. नहेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मं पटिच्च नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
१३९. हेतुं
नहेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मं पटिच्च नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मञ्च नहेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मञ्च पटिच्च नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो
१४०. हेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मं पटिच्च हेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… नव…पे॰…।
१४१. हेतुं
१४२. नहेतुं नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मं पटिच्च नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो उप्पज्जति नआहारपच्चया। (१) (संखित्तं।)
१४३. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नसम्पयुत्ते तीणि, नविप्पयुत्ते नव, नोनत्थिया तीणि, नोविगते तीणि (संखित्तं, पच्चनीयं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं, अनुलोमपच्चनीयं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं, पच्चनीयानुलोमं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
१४४. हेतु
१४५. हेतु
नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो नहेतुस्स नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि…पे॰…।
पुरेजातपच्चयादि
१४६. नहेतु
१४७. हेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो नहेतुस्स नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मस्स पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो। (१)
नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो नहेतुस्स नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मस्स पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो। (१)
हेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो च नहेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो च नहेतुस्स नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मस्स पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो। (१)
…आसेवनपच्चयेन पच्चयो… नव।
१४८. नहेतु
१४९. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, आसेवने
पच्चनीयुद्धारो
१५०. हेतु नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मो हेतुस्स नेवविपाकनविपाकधम्मधम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
१५१. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव, नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा
हेतुदुकविपाकत्तिकं निट्ठितं।
१-४. हेतुदुक-उपादिन्नत्तिकं
१. उपादिन्नुपादानियपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१५२. हेतुं
नहेतुं उपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं उपादिन्नुपादानियञ्च नहेतुं उपादिन्नुपादानियञ्च धम्मं पटिच्च हेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति
१५३. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयादि
१५४. नहेतुं उपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
१५५. हेतुं उपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नहेतुं उपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं उपादिन्नुपादानियञ्च नहेतुं उपादिन्नुपादानियञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
१५६. हेतुं
१५७. नहेतुं उपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नविपाकपच्चया… नआहारपच्चया (संखित्तं)।
१५८. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नविपाके एकं, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने एकं
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
१५९. हेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो हेतुस्स उपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
१६०. हेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो हेतुस्स उपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु
हेतु उपादिन्नुपादानियो च नहेतु उपादिन्नुपादानियो च धम्मा हेतुस्स उपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि (संखित्तं)।
१६१. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
१६२. हेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो हेतुस्स उपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु उपादिन्नुपादानियो धम्मो नहेतुस्स उपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो… पुरेजातपच्चयेन पच्चयो… पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो… आहारपच्चयेन पच्चयो… इन्द्रियपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
१६३. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव, नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. अनुपादिन्नुपादानियपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१६४. हेतुं
नहेतुं अनुपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
१६५. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके एकं, आहारे नव, इन्द्रिये नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
नहेतु-नआरम्मणपच्चया
१६६. नहेतुं अनुपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया… द्वे। (२)
१६७. हेतुं
नहेतुं अनुपादिन्नुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं अनुपादिन्नुपादानियञ्च नहेतुं अनुपादिन्नुपादानियञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१) (संखित्तं।)
१६८. नहेतुया द्वे, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
१६९. हेतु
१७०. हेतु
नहेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो नहेतुस्स अनुपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
१७१. हेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो हेतुस्स अनुपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो नहेतुस्स अनुपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… नव…पे॰…।
१७२. हेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो हेतुस्स अनुपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणूपनिस्सयो
१७३. नहेतु अनुपादिन्नुपादानियो धम्मो नहेतुस्स अनुपादिन्नुपादानियस्स धम्मस्स पुरेजातपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणपुरेजातं… तीणि (संखित्तं)।
१७४. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते तीणि, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
१७५. हेतु
१७६. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. अनुपादिन्नअनुपादानियपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१७७. हेतुं
नहेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु अनुपादिन्नअनुपादानियो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियञ्च नहेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अनुपादिन्नअनुपादानियो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
१७८. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव, इन्द्रिये नव, झाने नव, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
नअधिपतिपच्चयो
१७९. हेतुं
नहेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियं धम्मं पटिच्च नहेतु अनुपादिन्नअनुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। नहेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियं धम्मं पटिच्च हेतु अनुपादिन्नअनुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। (२)
हेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियञ्च नहेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अनुपादिन्नअनुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। हेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियञ्च नहेतुं अनुपादिन्नअनुपादानियञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु अनुपादिन्नअनुपादानियो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। (२) (संखित्तं।)
१८०. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया छ (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
१८१. हेतु
१८२. नहेतु
१८३. हेतुया तीणि, आरम्मणे तीणि, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
१८४. हेतु अनुपादिन्नअनुपादानियो धम्मो हेतुस्स अनुपादिन्नअनुपादानियस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो, उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
१८५. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
(यथा
हेतुदुकउपादिन्नत्तिकं निट्ठितं।
१-५. हेतुदुक-संकिलिट्ठत्तिकं
१. संकिलिट्ठसंकिलेसिकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१८६. हेतुं
नहेतुं संकिलिट्ठसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च नहेतु संकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
१८७. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, आहारे नव, अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
१८८. नहेतुं संकिलिट्ठसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च हेतु संकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया।
हेतुं संकिलिट्ठसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च हेतु संकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
१८९. नहेतुया
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
१९०. हेतु संकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो हेतुस्स संकिलिट्ठसंकिलेसिकस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु संकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो हेतुस्स संकिलिट्ठसंकिलेसिकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु संकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो हेतुस्स संकिलिट्ठसंकिलेसिकस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… नव (संखित्तं)।
१९१. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
१९२. हेतु
१९३. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. असंकिलिट्ठसंकिलेसिकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
१९४. हेतुं असंकिलिट्ठसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च हेतु असंकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं असंकिलिट्ठसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च नहेतु असंकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं असंकिलिट्ठसंकिलेसिकञ्च नहेतुं असंकिलिट्ठसंकिलेसिकञ्च धम्मं पटिच्च हेतु असंकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
१९५. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयो
१९६. नहेतु
१९७. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
१९८. हेतु असंकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो हेतुस्स असंकिलिट्ठसंकिलेसिकस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु असंकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो हेतुस्स असंकिलिट्ठसंकिलेसिकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु
नहेतु असंकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो नहेतुस्स असंकिलिट्ठसंकिलेसिकस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु
१९९. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते पञ्च, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
२००. हेतु असंकिलिट्ठसंकिलेसिको धम्मो हेतुस्स असंकिलिट्ठसंकिलेसिकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२०१. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. असंकिलिट्ठअसंकिलेसिकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२०२. हेतुं
२०३. हेतुया
नअधिपतिपच्चयो
२०४. हेतुं असंकिलिट्ठअसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च हेतु असंकिलिट्ठअसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। हेतुं असंकिलिट्ठअसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च नहेतु असंकिलिट्ठअसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। (२)
नहेतुं असंकिलिट्ठअसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च नहेतु असंकिलिट्ठअसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। नहेतुं असंकिलिट्ठअसंकिलेसिकं धम्मं पटिच्च हेतु असंकिलिट्ठअसंकिलेसिको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया। (२) (संखित्तं।)
२०५. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नअधिपतिपच्चया हेतुया छ (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
२०६. हेतु
नहेतु असंकिलिट्ठअसंकिलेसिको धम्मो नहेतुस्स असंकिलिट्ठअसंकिलेसिकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि (संखित्तं)।
२०७. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
२०८. हेतु असंकिलिट्ठअसंकिलेसिको धम्मो हेतुस्स असंकिलिट्ठअसंकिलेसिकस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२०९. नहेतुया नव नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकसंकिलिट्ठत्तिकं निट्ठितं।
१-६. हेतुदुक-वितक्कत्तिकं
१. सवितक्कसविचारपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२१०. हेतुं
नहेतुं सवितक्कसविचारं धम्मं पटिच्च नहेतु सवितक्कसविचारो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
२११. हेतुया
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
२१२. नहेतुं सवितक्कसविचारं धम्मं पटिच्च नहेतु सवितक्कसविचारो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया… द्वे।
हेतुं सवितक्कसविचारं धम्मं पटिच्च हेतु सवितक्कसविचारो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
२१३. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
२१४. हेतु सवितक्कसविचारो धम्मो हेतुस्स सवितक्कसविचारस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु सवितक्कसविचारो धम्मो हेतुस्स सवितक्कसविचारस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु सवितक्कसविचारो धम्मो हेतुस्स सवितक्कसविचारस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु
हेतु सवितक्कसविचारो च नहेतु सवितक्कसविचारो च धम्मा हेतुस्स सवितक्कसविचारस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
२१५. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये
पच्चनीयुद्धारो
२१६. हेतु सवितक्कसविचारो धम्मो हेतुस्स सवितक्कसविचारस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२१७. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. अवितक्कविचारमत्तपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२१८. हेतुं
नहेतुं
हेतुं अवितक्कविचारमत्तञ्च नहेतुं अवितक्कविचारमत्तञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अवितक्कविचारमत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
२१९. हेतुया
नअधिपतिपच्चयो
२२०. हेतुं अवितक्कविचारमत्तं धम्मं पटिच्च हेतु अवितक्कविचारमत्तो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
२२१. नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नअधिपतिपच्चया हेतुया नव (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
२२२. हेतु अवितक्कविचारमत्तो धम्मो हेतुस्स अवितक्कविचारमत्तस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु अवितक्कविचारमत्तो धम्मो नहेतुस्स अवितक्कविचारमत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु अवितक्कविचारमत्तो धम्मो हेतुस्स अवितक्कविचारमत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु
हेतु अवितक्कविचारमत्तो च नहेतु अवितक्कविचारमत्तो च धम्मा
२२३. हेतुया तीणि, आरम्मणे तीणि, अधिपतिया सत्त, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि
पच्चनीयुद्धारो
२२४. हेतु अवितक्कविचारमत्तो धम्मो हेतुस्स अवितक्कविचारमत्तस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२२५. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. अवितक्कअविचारपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२२६. हेतुं अवितक्कअविचारं धम्मं पटिच्च हेतु अवितक्कअविचारो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया (संखित्तं)।
२२७. हेतुया
नहेतुपच्चयादि
२२८. नहेतुं
हेतुं अवितक्कअविचारं धम्मं पटिच्च नहेतु अवितक्कअविचारो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नहेतुं अवितक्कअविचारं धम्मं पटिच्च नहेतु अवितक्कअविचारो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं अवितक्कअविचारञ्च नहेतुं अवितक्कअविचारञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु अवितक्कअविचारो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं अवितक्कअविचारं धम्मं पटिच्च हेतु अवितक्कअविचारो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… नव (संखित्तं)।
२२९. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नसम्पयुत्ते तीणि, नविप्पयुत्ते नव, नोनत्थिया तीणि, नोविगते तीणि (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
२३०. हेतु
हेतु अवितक्कअविचारो धम्मो हेतुस्स अवितक्कअविचारस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव (संखित्तं)।
२३१. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते पञ्च, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
२३२. हेतु अवितक्कअविचारो धम्मो हेतुस्स अवितक्कअविचारस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२३३. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव, नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकवितक्कत्तिकं निट्ठितं।
१-७. हेतुदुक-पीतित्तिकं
१. पीतिसहगतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२३४. हेतुं
नहेतुं पीतिसहगतं धम्मं पटिच्च नहेतु पीतिसहगतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया (संखित्तं)।
२३५. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
२३६. नहेतुं पीतिसहगतं धम्मं पटिच्च नहेतु पीतिसहगतो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया।
हेतुं पीतिसहगतं धम्मं पटिच्च हेतु पीतिसहगतो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
२३७. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
२३८. हेतु
हेतु पीतिसहगतो धम्मो हेतुस्स पीतिसहगतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु पीतिसहगतो धम्मो नहेतुस्स पीतिसहगतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु पीतिसहगतो च नहेतु पीतिसहगतो च धम्मा हेतुस्स पीतिसहगतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु पीतिसहगतो धम्मो हेतुस्स पीतिसहगतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु पीतिसहगतो धम्मो नहेतुस्स पीतिसहगतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु पीतिसहगतो च नहेतु पीतिसहगतो च धम्मा हेतुस्स पीतिसहगतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
२३९. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
२४०. हेतु
२४१. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. सुखसहगतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२४२. हेतुं सुखसहगतं धम्मं पटिच्च हेतु सुखसहगतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं
हेतुं सुखसहगतञ्च नहेतुं सुखसहगतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु सुखसहगतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
२४३. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
२४४. नहेतुं सुखसहगतं धम्मं पटिच्च नहेतु सुखसहगतो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया।
हेतुं सुखसहगतं धम्मं पटिच्च हेतु सुखसहगतो धम्मो उप्पज्जति
२४५. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
२४६. हेतु
हेतु सुखसहगतो धम्मो हेतुस्स सुखसहगतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु सुखसहगतो धम्मो हेतुस्स सुखसहगतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो… नव (संखित्तं)।
२४७. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव
पच्चनीयुद्धारो
२४८. हेतु सुखसहगतो धम्मो हेतुस्स सुखसहगतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२४९. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा
३. उपेक्खासहगतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२५०. हेतुं
नहेतुं उपेक्खासहगतं धम्मं पटिच्च नहेतु उपेक्खासहगतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं उपेक्खासहगतञ्च नहेतुं उपेक्खासहगतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु उपेक्खासहगतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
२५१. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयादि
२५२. नहेतुं उपेक्खासहगतं धम्मं पटिच्च नहेतु उपेक्खासहगतो
हेतुं उपेक्खासहगतं धम्मं पटिच्च हेतु उपेक्खासहगतो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… नव।
हेतुं उपेक्खासहगतं धम्मं पटिच्च हेतु उपेक्खासहगतो धम्मो उप्पज्जति नपुरेजातपच्चया… नव।
हेतुं उपेक्खासहगतं धम्मं पटिच्च हेतु उपेक्खासहगतो धम्मो उप्पज्जति नपच्छाजातपच्चया… नव (संखित्तं)।
२५३. नहेतुया
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
२५४. हेतु उपेक्खासहगतो धम्मो हेतुस्स उपेक्खासहगतस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु उपेक्खासहगतो धम्मो हेतुस्स उपेक्खासहगतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु उपेक्खासहगतो धम्मो हेतुस्स उपेक्खासहगतस्स धम्मस्स
२५५. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
२५६. हेतु
२५७. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा
हेतुदुकपीतित्तिकं निट्ठितं।
१-८. हेतुदुक-दस्सनेनपहातब्बत्तिकं
१. दस्सनेनपहातब्बपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२५८. हेतुं
नहेतुं
हेतुं दस्सनेन पहातब्बञ्च नहेतुं दस्सनेन पहातब्बञ्च धम्मं पटिच्च हेतु दस्सनेन पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
२५९. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
२६०. नहेतुं दस्सनेन पहातब्बं धम्मं पटिच्च हेतु दस्सनेन पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
हेतुं दस्सनेन पहातब्बं धम्मं पटिच्च हेतु दस्सनेन पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… नव।
२६१. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया
(सहजातवारोपि
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
२६२. हेतु
हेतु दस्सनेन पहातब्बो धम्मो हेतुस्स दस्सनेन पहातब्बस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव (संखित्तं)।
२६३. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये तीणि, झाने तीणि, मग्गे तीणि, सम्पयुत्ते नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
२६४. हेतु दस्सनेन पहातब्बो धम्मो हेतुस्स दस्सनेन पहातब्बस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२६५. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. भावनायपहातब्बपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२६६. हेतुं
नहेतुं भावनाय पहातब्बं धम्मं पटिच्च नहेतु भावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं भावनाय पहातब्बञ्च नहेतुं भावनाय पहातब्बञ्च धम्मं पटिच्च हेतु भावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
२६७. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयो
२६८. नहेतुं भावनाय पहातब्बं धम्मं पटिच्च हेतु भावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१) (संखित्तं।)
२६९. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
२७०. हेतु भावनाय पहातब्बो धम्मो हेतुस्स भावनाय पहातब्बस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
२७१. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये तीणि…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
२७२. हेतु भावनाय पहातब्बो धम्मो हेतुस्स भावनाय पहातब्बस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२७३. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. नेवदस्सनेननभावनायपहातब्बपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२७४. हेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बं धम्मं पटिच्च हेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया
२७५. हेतुया
नहेतुपच्चयादि
२७६. नहेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया।
हेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नहेतुं
हेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बञ्च नहेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बं धम्मं पटिच्च हेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
२७७. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
२७८. हेतु
हेतु
२७९. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते पञ्च, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
२८०. हेतु
२८१. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकदस्सनेनपहातब्बत्तिकं निट्ठितं।
१-९. हेतुदुक-दस्सनेनपहातब्बहेतुकत्तिकं
१. दस्सनेनपहातब्बहेतुकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२८२. हेतुं
नहेतुं दस्सनेन पहातब्बहेतुकं धम्मं पटिच्च नहेतु दस्सनेन पहातब्बहेतुको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं दस्सनेन पहातब्बहेतुकञ्च नहेतुं दस्सनेन पहातब्बहेतुकञ्च धम्मं पटिच्च हेतु दस्सनेन पहातब्बहेतुको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
२८३. हेतुया
नअधिपतिपच्चयो
२८४. हेतुं दस्सनेन पहातब्बहेतुकं धम्मं पटिच्च हेतु दस्सनेन पहातब्बहेतुको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
२८५. नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नअधिपतिपच्चया हेतुया नव (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
२८६. हेतु दस्सनेन पहातब्बहेतुको धम्मो हेतुस्स दस्सनेन पहातब्बहेतुकस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
२८७. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि…पे॰… मग्गे तीणि, सम्पयुत्ते नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
२८८. हेतु दस्सनेन पहातब्बहेतुको धम्मो हेतुस्स दस्सनेन पहातब्बहेतुकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
२८९. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. भावनायपहातब्बहेतुकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२९०. हेतुं भावनाय पहातब्बहेतुकं धम्मं पटिच्च हेतु भावनाय पहातब्बहेतुको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं भावनाय पहातब्बहेतुकं धम्मं पटिच्च नहेतु भावनाय पहातब्बहेतुको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया (संखित्तं)।
२९१. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
२९२. हेतुं
२९३. नअधिपतिया
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया हेतुया नव (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
२९४. हेतु
हेतु भावनाय पहातब्बहेतुको धम्मो हेतुस्स भावनाय पहातब्बहेतुकस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव (संखित्तं)।
२९५. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि…पे॰… मग्गे तीणि, सम्पयुत्ते नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
२९६. हेतु भावनाय पहातब्बहेतुको धम्मो हेतुस्स भावनाय पहातब्बहेतुकस्स धम्मस्स
२९७. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. नेवदस्सनेननभावनायपहातब्बहेतुकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
२९८. हेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बहेतुकं धम्मं पटिच्च
२९९. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयो
३००. नहेतुं नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बहेतुकं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बहेतुको धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया (संखित्तं)।
३०१. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३०२. हेतु
३०३. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
३०४. हेतु नेवदस्सनेन नभावनाय पहातब्बहेतुको धम्मो हेतुस्स नेवदस्सनेन नभावनाय
३०५. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकदस्सनेनपहातब्बहेतुकत्तिकं निट्ठितं।
१-१०. हेतुदुक-आचयगामित्तिकं
१. आचयगामिपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३०६. हेतुं
नहेतुं आचयगामिं धम्मं पटिच्च नहेतु आचयगामी धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
३०७. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
३०८. नहेतुं आचयगामिं धम्मं पटिच्च हेतु आचयगामी धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
हेतुं आचयगामिं धम्मं पटिच्च हेतु आचयगामी धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
३०९. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३१०. हेतु
हेतु
हेतु आचयगामी धम्मो हेतुस्स आचयगामिस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु आचयगामी धम्मो नहेतुस्स आचयगामिस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु आचयगामी च नहेतु आचयगामी च धम्मा हेतुस्स आचयगामिस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
३११. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
३१२. हेतु आचयगामी धम्मो हेतुस्स आचयगामिस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३१३. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा
२. अपचयगामिपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३१४. हेतुं
नहेतुं अपचयगामिं धम्मं पटिच्च नहेतु अपचयगामी धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं अपचयगामिञ्च नहेतुं अपचयगामिञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अपचयगामी धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३१५. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… कम्मे नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
३१६. हेतुं अपचयगामिं धम्मं पटिच्च हेतु अपचयगामी धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
३१७. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नअधिपतिपच्चया हेतुया छ (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-अधिपतिपच्चया
३१८. हेतु
हेतु
नहेतु अपचयगामी धम्मो नहेतुस्स अपचयगामिस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि (संखित्तं)।
३१९. हेतुया तीणि, अधिपतिया छ, सहजाते नव…पे॰… उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
३२०. हेतु अपचयगामी धम्मो हेतुस्स अपचयगामिस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३२१. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया अधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. नेवाचयगामिनापचयगामिपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३२२. हेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिं धम्मं पटिच्च हेतु नेवाचयगामिनापचयगामी
नहेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिञ्च नहेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिञ्च धम्मं पटिच्च हेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३२३. हेतुया
नहेतुपच्चयादि
३२४. नहेतुं
हेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नहेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिञ्च नहेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिं धम्मं पटिच्च हेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया…पे॰…।
हेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिं धम्मं पटिच्च हेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति नपुरेजातपच्चया… तीणि।
हेतुं
हेतुं नेवाचयगामिनापचयगामिं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो उप्पज्जति नकम्मपच्चया (संखित्तं)।
३२५. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
३२६. हेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो हेतुस्स नेवाचयगामिनापचयगामिस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो हेतुस्स नेवाचयगामिनापचयगामिस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३२७. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव
पच्चनीयुद्धारो
३२८. हेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो हेतुस्स नेवाचयगामिनापचयगामिस्स धम्मस्स
नहेतु नेवाचयगामिनापचयगामी धम्मो नहेतुस्स नेवाचयगामिनापचयगामिस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो… पुरेजातपच्चयेन पच्चयो… पच्छाजातपच्चयेन पच्चयो… आहारपच्चयेन पच्चयो… इन्द्रियपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३२९. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकआचयगामित्तिकं निट्ठितं।
१-११. हेतुदुक-सेक्खत्तिकं
१. सेक्खपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३३०. हेतुं
नहेतुं
हेतुं सेक्खञ्च नहेतुं सेक्खञ्च धम्मं पटिच्च हेतु सेक्खो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३३१. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
३३२. हेतुं सेक्खं धम्मं पटिच्च हेतु सेक्खो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
३३३. नअधिपतिया
हेतुपच्चया नअधिपतिया छ (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया हेतुया छ (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३३४. हेतु
हेतु
नहेतु सेक्खो धम्मो नहेतुस्स सेक्खस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु सेक्खो धम्मो हेतुस्स सेक्खस्स धम्मस्स अनन्तरपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३३५. हेतुया तीणि, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
३३६. हेतु सेक्खो धम्मो हेतुस्स सेक्खस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो, उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३३७. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया अधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
(यथा
२. असेक्खपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३३८. हेतुं
नहेतुं असेक्खं धम्मं पटिच्च नहेतु असक्खो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं असेक्खञ्च नहेतुं असेक्खञ्च धम्मं पटिच्च हेतु असेक्खो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३३९. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, कम्मे नव, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
३४०. हेतुं असेक्खं धम्मं पटिच्च हेतु असेक्खो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
३४१. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया छ (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया
(सहजातवारोपि
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३४२. हेतु असेक्खो धम्मो हेतुस्स असेक्खस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु असेक्खो धम्मो हेतुस्स असेक्खस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु असेक्खो धम्मो नहेतुस्स असेक्खस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि…पे॰…।
हेतु असेक्खो धम्मो हेतुस्स असेक्खस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – अनन्तरूपनिस्सयो (संखित्तं)।
३४३. हेतुया तीणि, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
३४४. हेतु
३४५. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि नणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. नेवसेक्खनासेक्खपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३४६. हेतुं
नहेतुं नेवसेक्खनासेक्खं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं नेवसेक्खनासेक्खञ्च नहेतुं नेवसेक्खनासेक्खञ्च धम्मं पटिच्च हेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३४७. हेतुया
नहेतु-नआरम्मणपच्चयादि
३४८. नहेतुं नेवसेक्खनासेक्खं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं नेवसेक्खनासेक्खं धम्मं पटिच्च हेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं नेवसेक्खनासेक्खं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवसेक्खनासेक्खो
नहेतुं नेवसेक्खनासेक्खं धम्मं पटिच्च नहेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं नेवसेक्खनासेक्खञ्च नहेतुं नेवसेक्खनासेक्खञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
३४९. हेतुं नेवसेक्खनासेक्खं धम्मं पटिच्च हेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया…पे॰…।
हेतुं
३५०. नहेतुया द्वे, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३५१. हेतु
हेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो हेतुस्स नेवसेक्खनासेक्खस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो हेतुस्स नेवसेक्खनासेक्खस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… नव…पे॰…।
नहेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो नहेतुस्स नेवसेक्खनासेक्खस्स धम्मस्स पुरेजातपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३५२. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये
पच्चनीयुद्धारो
३५३. हेतु नेवसेक्खनासेक्खो धम्मो हेतुस्स नेवसेक्खनासेक्खस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३५४. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकसेक्खत्तिकं निट्ठितं।
१-१२. हेतुदुक-परित्तत्तिकं
१. परित्तपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३५५. हेतुं परित्तं धम्मं पटिच्च हेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं परित्तं धम्मं पटिच्च नहेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
३५६. हेतुया
नहेतुनआरम्मणपच्चयादि
३५७. नहेतुं परित्तं धम्मं पटिच्च नहेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं परित्तं धम्मं पटिच्च हेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं परित्तं धम्मं पटिच्च नहेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति
नहेतुं परित्तं धम्मं पटिच्च नहेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं परित्तञ्च नहेतुं परित्तञ्च धम्मं पटिच्च नहेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं परित्तं धम्मं पटिच्च हेतु परित्तो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
३५८. नहेतुया द्वे, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नसम्पयुत्ते तीणि, नविप्पयुत्ते नव, नोनत्थिया तीणि, नोविगते तीणि (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
३५९. हेतु
हेतु परित्तो धम्मो हेतुस्स परित्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन
३६०. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
३६१. हेतु परित्तो धम्मो हेतुस्स परित्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३६२. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. महग्गतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३६३. हेतुं
नहेतुं
हेतुं महग्गतञ्च नहेतुं महग्गतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु महग्गतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३६४. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव
नअधिपतिपच्चयो
३६५. हेतुं महग्गतं धम्मं पटिच्च हेतु महग्गतो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
३६६. नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नअधिपतिपच्चया हेतुया नव (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३६७. हेतु महग्गतो धम्मो हेतुस्स महग्गतस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु महग्गतो धम्मो हेतुस्स महग्गतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु महग्गतो धम्मो नहेतुस्स महग्गतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
हेतु महग्गतो धम्मो हेतुस्स महग्गतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु महग्गतो धम्मो
हेतु महग्गतो धम्मो हेतुस्स महग्गतस्स धम्मस्स अनन्तरपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३६८. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि
पच्चनीयुद्धारो
३६९. हेतु महग्गतो धम्मो हेतुस्स महग्गतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३७०. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. अप्पमाणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३७१. हेतुं अप्पमाणं धम्मं पटिच्च हेतु अप्पमाणो धम्मो उप्पज्जति
नहेतुं
हेतुं
३७२. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… उपनिस्सये नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
३७३. हेतुं अप्पमाणं धम्मं पटिच्च हेतु अप्पमाणो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
३७४. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया छ (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया हेतुया छ (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३७५. हेतु अप्पमाणो धम्मो हेतुस्स अप्पमाणस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु अप्पमाणो धम्मो नहेतुस्स अप्पमाणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
३७६. हेतु
नहेतु
३७७. हेतु अप्पमाणो धम्मो हेतुस्स अप्पमाणस्स धम्मस्स अनन्तरपच्चयेन पच्चयो… नव…पे॰…।
हेतु अप्पमाणो धम्मो हेतुस्स अप्पमाणस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – अनन्तरूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो… नव (संखित्तं)।
३७८. हेतुया तीणि, आरम्मणे तीणि, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
३७९. हेतु अप्पमाणो धम्मो हेतुस्स अप्पमाणस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३८०. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकपरित्तत्तिकं निट्ठितं।
१-१३. हेतुदुक-परित्तारम्मणत्तिकं
१. परित्तारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३८१. हेतुं
नहेतुं परित्तारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु परित्तारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं परित्तारम्मणञ्च नहेतुं परित्तारम्मणञ्च धम्मं पटिच्च हेतु परित्तारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३८२. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
३८३. नहेतुं परित्तारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु परित्तारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं परित्तारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु परित्तारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं
३८४. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३८५. हेतु
हेतु परित्तारम्मणो धम्मो हेतुस्स परित्तारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु परित्तारम्मणो धम्मो हेतुस्स परित्तारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३८६. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि
पच्चनीयुद्धारो
३८७. हेतु परित्तारम्मणो धम्मो हेतुस्स परित्तारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन
३८८. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. महग्गतारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३८९. हेतुं
नहेतुं महग्गतारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु महग्गतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
३९०. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्म नव, विपाके नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
३९१. नहेतुं महग्गतारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु महग्गतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं महग्गतारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु महग्गतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं
३९२. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
३९३. हेतु
हेतु
हेतु महग्गतारम्मणो धम्मो हेतुस्स महग्गतारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु महग्गतारम्मणो धम्मो नहेतुस्स महग्गतारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु महग्गतारम्मणो च नहेतु महग्गतारम्मणो च धम्मा हेतुस्स महग्गतारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन
३९४. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
३९५. हेतु महग्गतारम्मणो धम्मो हेतुस्स महग्गतारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
३९६. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. अप्पमाणारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
३९७. हेतुं
नहेतुं अप्पमाणारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु अप्पमाणारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं अप्पमाणारम्मणञ्च नहेतुं अप्पमाणारम्मणञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अप्पमाणारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
३९८. हेतुया
नहेतुपच्चयो
३९९. नहेतुं अप्पमाणारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु अप्पमाणारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया (संखित्तं)।
४००. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४०१. हेतु
हेतु अप्पमाणारम्मणो धम्मो हेतुस्स अप्पमाणारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु अप्पमाणारम्मणो धम्मो हेतुस्स अप्पमाणारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति
नहेतु अप्पमाणारम्मणो धम्मो नहेतुस्स अप्पमाणारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु अप्पमाणारम्मणो च नहेतु अप्पमाणारम्मणो च धम्मा हेतुस्स अप्पमाणारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
४०२. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४०३. हेतु
४०४. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकपरित्तारम्मणत्तिकं निट्ठितं।
१-१४. हेतुदुक-हीनत्तिकं
१. हीनपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४०५. हेतुं
नहेतुं
हेतुं हीनञ्च नहेतुं हीनञ्च धम्मं पटिच्च हेतु हीनो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
४०६. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते नव, आसेवने नव, कम्मे नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
४०७. नहेतुं हीनं धम्मं पटिच्च हेतु हीनो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (१)
हेतुं हीनं धम्मं पटिच्च हेतु हीनो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… तीणि।
नहेतुं हीनं धम्मं पटिच्च नहेतु हीनो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया… तीणि।
हेतुं
४०८. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४०९. हेतु
हेतु हीनो धम्मो हेतुस्स हीनस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो…पे॰… अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति (संखित्तं)।
४१०. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये झाने मग्गे तीणि, सम्पयुत्ते नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४११. हेतु हीनो धम्मो हेतुस्स हीनस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४१२. नहेतुया
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. मज्झिमपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४१३. हेतुं
४१४. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयो
४१५. नहेतुं मज्झिमं धम्मं पटिच्च नहेतु मज्झिमो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया (संखित्तं)।
४१६. नहेतुया एकं, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव…पे॰… नोविगते तीणि (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४१७. हेतु
हेतु
४१८. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव…पे॰… कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४१९. हेतु मज्झिमो धम्मो हेतुस्स मज्झिमस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४२०. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. पणीतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४२१. हेतु
नहेतुं
हेतुं पणीतञ्च नहेतुं पणीतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु पणीतो धम्मो उप्पज्जति
४२२. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
४२३. हेतुं पणीतं धम्मं पटिच्च हेतु पणीतो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
४२४. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया छ (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया हेतुया छ (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४२५. हेतु पणीतो धम्मो हेतुस्स पणीतस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु पणीतो धम्मो नहेतुस्स पणीतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु पणीतो धम्मो हेतुस्स पणीतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि (संखित्तं)।
४२६. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
४२७. हेतु पणीतो धम्मो हेतुस्स पणीतस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४२८. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
(यथा
हेतुदुकहीनत्तिकं निट्ठितं।
१-१५. हेतुदुक-मिच्छत्तनियतत्तिकं
१. मिच्छत्तनियतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतु-आरम्मणपच्चया
४२९. हेतुं मिच्छत्तनियतं धम्मं पटिच्च हेतु मिच्छत्तनियतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं मिच्छत्तनियतं धम्मं पटिच्च नहेतु मिच्छत्तनियतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं मिच्छत्तनियतञ्च नहेतुं मिच्छत्तनियतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु मिच्छत्तनियतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
४३०. हेतुया
नअधिपतिपच्चयो
४३१. हेतुं मिच्छत्तनियतं धम्मं पटिच्च नहेतु मिच्छत्तनियतो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
४३२. नअधिपतिया तीणि, नपच्छाजाते नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया हेतुया तीणि (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-अधिपतिपच्चया
४३३. हेतु मिच्छत्तनियतो धम्मो हेतुस्स मिच्छत्तनियतस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु मिच्छत्तनियतो धम्मो नहेतुस्स मिच्छत्तनियतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि (संखित्तं)।
४३४. हेतुया तीणि, अधिपतिया तीणि, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, आहारे
पच्चनीयुद्धारो
४३५. हेतु
४३६. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया अधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. सम्मत्तनियतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४३७. हेतुं सम्मत्तनियतं धम्मं पटिच्च हेतु सम्मत्तनियतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं सम्मत्तनियतं धम्मं पटिच्च नहेतु सम्मत्तनियतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं सम्मत्तनियतञ्च नहेतुं सम्मत्तनियतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु सम्मत्तनियतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
४३८. हेतुया
नअधिपतिपच्चयो
४३९. हेतुं सम्मत्तनियतं धम्मं पटिच्च हेतु सम्मत्तनियतो धम्मो
४४०. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नअधिपतिपच्चया हेतुया छ (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-अधिपतिपच्चया
४४१. हेतु सम्मत्तनियतो धम्मो हेतुस्स सम्मत्तनियतस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु सम्मत्तनियतो धम्मो हेतुस्स सम्मत्तनियतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु
४४२. हेतुया तीणि, अधिपतिया छ, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४४३. हेतु सम्मत्तनियतो धम्मो हेतुस्स सम्मत्तनियतस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४४४. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया अधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. अनियतपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४४५. हेतुं
नहेतुं
हेतुं अनियतञ्च नहेतुं अनियतञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अनियतो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
४४६. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नआरम्मणपच्चया
४४७. नहेतुं अनियतं धम्मं पटिच्च नहेतु अनियतो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं अनियतं धम्मं पटिच्च हेतु अनियतो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं अनियतं धम्मं पटिच्च नहेतु अनियतो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नहेतुं अनियतं धम्मं पटिच्च नहेतु अनियतो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं अनियतञ्च
४४८. नहेतुया द्वे, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नसम्पयुत्ते तीणि, नविप्पयुत्ते नव, नोनत्थिया तीणि, नोविगते तीणि (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नहेतुपच्चया
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४४९. हेतु अनियतो धम्मो हेतुस्स अनियतस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु अनियतो धम्मो हेतुस्स अनियतस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु अनियतो धम्मो हेतुस्स अनियतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु अनियतो धम्मो नहेतुस्स अनियतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो
हेतु अनियतो च नहेतु अनियतो च धम्मा हेतुस्स अनियतस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
४५०. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते पञ्च, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव।
पच्चनीयुद्धारो
४५१. हेतु
४५२. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकमिच्छत्तनियतत्तिकं निट्ठितं।
१-१६. हेतुदुक-मग्गारम्मणत्तिकं
१. मग्गारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४५३. हेतुं
नहेतुं
हेतुं मग्गारम्मणञ्च नहेतुं मग्गारम्मणञ्च धम्मं पटिच्च हेतु मग्गारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
४५४. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयो
४५५. नहेतुं
४५६. नहेतुया एकं, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे एकं (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४५७. हेतु मग्गारम्मणो धम्मो हेतुस्स मग्गारम्मणस्स धम्मस्स
हेतु
नहेतु मग्गारम्मणो धम्मो नहेतुस्स मग्गारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु मग्गारम्मणो धम्मो हेतुस्स मग्गारम्मणस्स धम्मस्स अनन्तरपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४५८. हेतुया तीणि, अधिपतिया छ, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, नत्थिया नव, विगते नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४५९. हेतु
४६०. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया अधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. मग्गहेतुकपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४६१. हेतुं
नहेतुं मग्गहेतुकं धम्मं पटिच्च नहेतु मग्गहेतुको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं मग्गहेतुकञ्च नहेतुं मग्गहेतुकञ्च धम्मं पटिच्च हेतु मग्गहेतुको धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
४६२. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… आसेवने नव, कम्मे नव, आहारे नव, इन्द्रिये नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
४६३. हेतुं मग्गहेतुकं धम्मं पटिच्च हेतु मग्गहेतुको धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
४६४. नअधिपतिया छ, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया
नअधिपतिपच्चया हेतुया छ (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-अधिपतिपच्चया
४६५. हेतु मग्गहेतुको धम्मो हेतुस्स मग्गहेतुकस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
नहेतु मग्गहेतुको धम्मो नहेतुस्स मग्गहेतुकस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि (संखित्तं)।
४६६. हेतुया तीणि, अधिपतिया छ, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४६७. हेतु मग्गहेतुको धम्मो हेतुस्स मग्गहेतुकस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४६८. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया अधिपतिया तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. मग्गाधिपतिपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४६९. हेतुं
नहेतुं मग्गाधिपतिं धम्मं पटिच्च नहेतु मग्गाधिपति धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
४७०. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… कम्मे नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चयो
४७१. हेतुं
४७२. नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नअधिपतिपच्चया हेतुया नव (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४७३. हेतु मग्गाधिपति धम्मो हेतुस्स मग्गाधिपतिस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
हेतु मग्गाधिपति धम्मो हेतुस्स मग्गाधिपतिस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु
हेतु मग्गाधिपति च नहेतु मग्गाधिपति च धम्मा हेतुस्स मग्गाधिपतिस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
४७४. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४७५. हेतु मग्गाधिपति धम्मो हेतुस्स मग्गाधिपतिस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४७६. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकमग्गारम्मणत्तिकं निट्ठितं।
१-१७. हेतुदुक-उप्पन्नत्तिकं
१. उप्पन्नपदं
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतु-उपनिस्सयपच्चया
४७७. हेतु
नहेतु उप्पन्नो धम्मो नहेतुस्स उप्पन्नस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु उप्पन्नो धम्मो हेतुस्स उप्पन्नस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु उप्पन्नो धम्मो नहेतुस्स उप्पन्नस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु उप्पन्नो धम्मो हेतुस्स उप्पन्नस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
नहेतु उप्पन्नो धम्मो नहेतुस्स उप्पन्नस्स धम्मस्स उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणूपनिस्सयो, पकतूपनिस्सयो…पे॰…। पकतूपनिस्सयो – उप्पन्नं उतुं उपनिस्साय झानं उप्पादेति, विपस्सनं… मग्गं… अभिञ्ञं… समापत्तिं उप्पादेति (संखित्तं)।
४७८. हेतुया तीणि, आरम्मणे तीणि, अधिपतिया छ, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये तीणि, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, विप्पयुत्ते पञ्च, अत्थिया नव, अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४७९. हेतु
४८०. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं। इमम्हि दुकतिके पटिच्चवारम्पि सहजातवारम्पि पच्चयवारम्पि निस्सयवारम्पि संसट्ठवारम्पि सम्पयुत्तवारम्पि अनुप्पन्नम्पि उप्पादीपि नत्थि।)
हेतुदुकउप्पन्नत्तिकं निट्ठितं।
१-१८. हेतुदुक-अतीतत्तिकं
३. पच्चुप्पन्नपदं
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४८१. हेतु पच्चुप्पन्नो धम्मो हेतुस्स पच्चुप्पन्नस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
नहेतु
हेतु पच्चुप्पन्नो धम्मो हेतुस्स पच्चुप्पन्नस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु
हेतु पच्चुप्पन्नो धम्मो हेतुस्स पच्चुप्पन्नस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४८२. हेतुया तीणि, आरम्मणे तीणि, अधिपतिया छ, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, पुरेजाते तीणि, पच्छाजाते तीणि, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव
पच्चनीयुद्धारो
४८३. हेतु पच्चुप्पन्नो धम्मो हेतुस्स पच्चुप्पन्नस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
४८४. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं। इमम्हि दुकतिके पटिच्चवारम्पि सहजातवारम्पि पच्चयवारम्पि निस्सयवारम्पि संसट्ठवारम्पि सम्पयुत्तवारम्पि अतीतम्पि अनागतम्पि नत्थि।)
हेतुदुकअतीतत्तिकं निट्ठितं।
१-१९. हेतुदुक-अतीतारम्मणत्तिकं
१. अतीतारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४८५. हेतुं
नहेतुं अतीतारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु अतीतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं अतीतारम्मणञ्च नहेतुं अतीतारम्मणञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अतीतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
४८६. हेतुया
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
४८७. नहेतुं अतीतारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु अतीतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं अतीतारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु अतीतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं
४८८. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४८९. हेतु अतीतारम्मणो धम्मो हेतुस्स अतीतारम्मणस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु अतीतारम्मणो धम्मो हेतुस्स अतीतारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु अतीतारम्मणो धम्मो हेतुस्स अतीतारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु
हेतु
४९०. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव, झाने तीणि, मग्गे नव, सम्पयुत्ते नव, अत्थिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४९१. हेतु अतीतारम्मणो धम्मो हेतुस्स अतीतारम्मणस्स धम्मस्स
४९२. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. अनागतारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
४९३. हेतुं अनागतारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु अनागतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं
हेतुं अनागतारम्मणञ्च नहेतुं अनागतारम्मणञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अनागतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
४९४. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… कम्मे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
४९५. नहेतुं अनागतारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु अनागतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं अनागतारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु अनागतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया
हेतुं अनागतारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु अनागतारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
४९६. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
४९७. हेतु
हेतु अनागतारम्मणो धम्मो हेतुस्स अनागतारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु
नहेतु अनागतारम्मणो धम्मो नहेतुस्स अनागतारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु अनागतारम्मणो च नहेतु अनागतारम्मणो
४९८. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
४९९. हेतु अनागतारम्मणो धम्मो हेतुस्स अनागतारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन
५००. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
३. पच्चुप्पन्नारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५०१. हेतुं
नहेतुं पच्चुप्पन्नारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो धम्मो
हेतुं पच्चुप्पन्नारम्मणञ्च नहेतुं पच्चुप्पन्नारम्मणञ्च धम्मं पटिच्च हेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
५०२. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
५०३. नहेतुं
हेतुं पच्चुप्पन्नारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
५०४. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
५०५. हेतु
हेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो धम्मो हेतुस्स पच्चुप्पन्नारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु
नहेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो धम्मो नहेतुस्स पच्चुप्पन्नारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो च नहेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो च धम्मा हेतुस्स पच्चुप्पन्नारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
५०६. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव, निस्सये नव, उपनिस्सये नव, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि, इन्द्रिये नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
५०७. हेतु पच्चुप्पन्नारम्मणो धम्मो हेतुस्स पच्चुप्पन्नारम्मणस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
५०८. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया
(यथा
हेतुदुकअतीतारम्मणत्तिकं निट्ठितं।
१-२०. हेतुदुक-अज्झत्तत्तिकं
१. अज्झत्तपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५०९. हेतुं
नहेतुं अज्झत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु अज्झत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं अज्झत्तञ्च नहेतुं अज्झत्तञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अज्झत्तो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
५१०. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव, आहारे नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयादि
५११. नहेतुं अज्झत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु अज्झत्तो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं अज्झत्तं धम्मं पटिच्च हेतु अज्झत्तो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं अज्झत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु अज्झत्तो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
नहेतुं अज्झत्तं धम्मं पटिच्च नहेतु अज्झत्तो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया। (१)
हेतुं अज्झत्तञ्च
हेतुं
५१२. नहेतुया द्वे, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव, नअनन्तरे तीणि, नसमनन्तरे तीणि, नअञ्ञमञ्ञे तीणि, नउपनिस्सये तीणि, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नसम्पयुत्ते तीणि, नविप्पयुत्ते नव, नोनत्थिया तीणि, नोविगते तीणि (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
५१३. हेतु अज्झत्तो धम्मो हेतुस्स अज्झत्तस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु अज्झत्तो धम्मो हेतुस्स अज्झत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु अज्झत्तो धम्मो हेतुस्स अज्झत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन
नहेतु
हेतु अज्झत्तो च नहेतु अज्झत्तो च धम्मा हेतुस्स अज्झत्तस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
५१४. हेतुया
पच्चनीयुद्धारो
५१५. हेतु अज्झत्तो धम्मो हेतुस्स अज्झत्तस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… सहजातपच्चयेन पच्चयो… उपनिस्सयपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
५१६. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
२. बहिद्धापदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५१७. हेतुं
५१८. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… कम्मे नव, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयो
५१९. नहेतुं बहिद्धा धम्मं पटिच्च नहेतु बहिद्धा धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं बहिद्धा धम्मं पटिच्च हेतु बहिद्धा धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२) (संखित्तं)।
५२०. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
५२१. हेतु
हेतु बहिद्धा धम्मो हेतुस्स बहिद्धा धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु बहिद्धा धम्मो हेतुस्स बहिद्धा धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु बहिद्धा धम्मो नहेतुस्स बहिद्धा धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति, सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु बहिद्धा च नहेतु बहिद्धा च धम्मा हेतुस्स बहिद्धा धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
५२२. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… पुरेजाते तीणि, आसेवने नव, कम्मे तीणि, विपाके नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
५२३. हेतु
५२४. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा
हेतुदुकअज्झत्तत्तिकं निट्ठितं।
१-२१. हेतुदुक-अज्झत्तारम्मणत्तिकं
१. अज्झत्तारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५२५. हेतुं अज्झत्तारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु अज्झत्तारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
नहेतुं अज्झत्तारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु अज्झत्तारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं अज्झत्तारम्मणञ्च नहेतुं अज्झत्तारम्मणञ्च धम्मं पटिच्च हेतु अज्झत्तारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि (संखित्तं)।
५२६. हेतुया नव, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
५२७. नहेतुं
हेतुं अज्झत्तारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु अज्झत्तारम्मणो
५२८. नहेतुया द्वे, नअधिपतिया नव, नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नझाने एकं, नमग्गे एकं, नविप्पयुत्ते नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५२९. हेतु अज्झत्तारम्मणो धम्मो हेतुस्स अज्झत्तारम्मणस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो (संखित्तं)।
५३०. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
५३१. हेतु
५३२. नहेतुया
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा
२. बहिद्धारम्मणपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५३३. हेतुं बहिद्धारम्मणं धम्मं पटिच्च हेतु बहिद्धारम्मणो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया (संखित्तं)।
५३४. हेतुया नव, आरम्मणे नव…पे॰… अविगत नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चयो
५३५. नहेतुं बहिद्धारम्मणं धम्मं पटिच्च नहेतु बहिद्धारम्मणो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया (संखित्तं)।
५३६. नहेतुया
हेतुपच्चया नअधिपतिया नव (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
५३७. हेतु बहिद्धारम्मणो धम्मो हेतुस्स बहिद्धारम्मणस्स धम्मस्स हेतुपच्चयेन पच्चयो… तीणि।
हेतु
हेतु बहिद्धारम्मणो धम्मो हेतुस्स बहिद्धारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि।
नहेतु बहिद्धारम्मणो धम्मो नहेतुस्स बहिद्धारम्मणस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – सहजाताधिपति… तीणि (संखित्तं)।
५३८. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया छ, कम्मे तीणि, विपाके नव, आहारे तीणि…पे॰… अविगते नव (संखित्तं)।
पच्चनीयुद्धारो
५३९. हेतु
५४०. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकअज्झत्तारम्मणत्तिकं निट्ठितं।
१-२२. हेतुदुक-सनिदस्सनसप्पटिघत्तिकं
१. अनिदस्सनसप्पटिघपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
५४१. नहेतुं
सुद्धं
५४२. हेतुया
५४३. नहेतुया एकं, नआरम्मणे एकं, नअधिपतिया एकं (सब्बे पच्चया कातब्बा)…पे॰… नोविगते एकं (संखित्तं)।
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
सहजातपच्चयादि
५४४. नहेतु अनिदस्सनसप्पटिघो धम्मो नहेतुस्स अनिदस्सनसप्पटिघस्स धम्मस्स सहजातपच्चयेन पच्चयो… अञ्ञमञ्ञपच्चयेन पच्चयो… निस्सयपच्चयेन पच्चयो… अत्थिपच्चयेन पच्चयो… अविगतपच्चयेन पच्चयो (सब्बत्थ एकं)।
२. अनिदस्सनअप्पटिघपदं
१-६. पटिच्चवारादि
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयो
५४५. हेतुं
नहेतुं अनिदस्सनअप्पटिघं धम्मं पटिच्च नहेतु अनिदस्सनअप्पटिघो धम्मो उप्पज्जति हेतुपच्चया… तीणि।
हेतुं
५४६. हेतुया
नहेतु-नअधिपतिपच्चया
५४७. नहेतुं अनिदस्सनअप्पटिघं धम्मं पटिच्च नहेतु अनिदस्सनअप्पटिघो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। नहेतुं अनिदस्सनअप्पटिघं धम्मं पटिच्च हेतु अनिदस्सनअप्पटिघो धम्मो उप्पज्जति नहेतुपच्चया। (२)
हेतुं अनिदस्सनअप्पटिघं धम्मं पटिच्च नहेतु अनिदस्सनअप्पटिघो धम्मो उप्पज्जति नआरम्मणपच्चया… तीणि।
हेतुं अनिदस्सनअप्पटिघं धम्मं पटिच्च हेतु अनिदस्सनअप्पटिघो धम्मो उप्पज्जति नअधिपतिपच्चया (संखित्तं)।
५४८. नहेतुया द्वे, नआरम्मणे तीणि, नअधिपतिया नव…पे॰… नपुरेजाते नव, नपच्छाजाते नव, नआसेवने नव, नकम्मे तीणि, नविपाके नव, नआहारे एकं, नइन्द्रिये एकं, नझाने एकं, नमग्गे एकं
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे द्वे (संखित्तं)।
(सहजातवारोपि पच्चयवारोपि निस्सयवारोपि संसट्ठवारोपि सम्पयुत्तवारोपि पटिच्चवारसदिसा वित्थारेतब्बा।)
७. पञ्हावारो
पच्चयचतुक्कं
हेतुपच्चयादि
५४९. हेतु
हेतु अनिदस्सनअप्पटिघो धम्मो हेतुस्स अनिदस्सनअप्पटिघस्स धम्मस्स आरम्मणपच्चयेन पच्चयो… नव।
हेतु
नहेतु अनिदस्सनअप्पटिघो धम्मो नहेतुस्स अनिदस्सनअप्पटिघस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति सहजाताधिपति… तीणि।
हेतु अनिदस्सनअप्पटिघो च नहेतु अनिदस्सनअप्पटिघो च धम्मा हेतुस्स अनिदस्सनअप्पटिघस्स धम्मस्स अधिपतिपच्चयेन पच्चयो – आरम्मणाधिपति… तीणि (संखित्तं)।
५५०. हेतुया तीणि, आरम्मणे नव, अधिपतिया नव, अनन्तरे नव, समनन्तरे नव, सहजाते नव, अञ्ञमञ्ञे नव
पच्चनीयुद्धारो
५५१. हेतु
५५२. नहेतुया नव, नआरम्मणे नव (संखित्तं)।
हेतुपच्चया नआरम्मणे तीणि (संखित्तं)।
नहेतुपच्चया आरम्मणे नव (संखित्तं)।
(यथा कुसलत्तिके पञ्हावारस्स अनुलोमम्पि पच्चनीयम्पि अनुलोमपच्चनीयम्पि पच्चनीयानुलोमम्पि गणितं, एवं गणेतब्बं।)
हेतुदुकसनिदस्सनसप्पटिघत्तिकं निट्ठितं।